क्रिकेट गेंद को लार से चमकाने की बजाय बॉल का वजन बढ़ाना चाहिए, इससे तेज गेंदबाज को क्रिकेट / गेंद को लार से चमकाने की बजाय बॉल का वजन बढ़ाना चाहिए, इससे तेज गेंदबाज को फ्लैट विकेट पर भी स्विंग मिलेगी: शेन वार्न
- पूर्व ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर शेन वॉर्न ने कहा- क्रिकेट बॉल को टेनिस या लॉन बॉल की तरह एक तरफ से भारी करना चाहिए
- ऑस्ट्रेलिया की कूकाबूरा कंपनी गेंद को चमकाने के लिए जल्द ही वैक्स एप्लीकेटर (मोम से बना कैमिकल) लेकर आ रही
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व स्पिनर शेन वार्न भी अब कोरोनावायरस के बाद क्रिकेट में गेंद को चमकाने के लिए लार या पसीने का इस्तेमाल करने या नहीं करने की बहस में शामिल हो गए हैं। उन्होंने सभी से हटकर बॉल का एक साइड से वजन बढ़ाने की सलाह दी है। वार्न ने कहा है कि ऐसा करने से तेज गेंदबाज को फ्लैट विकेट पर भी लगातार स्विंग मिलती रहेगी और बॉल टेम्परिंग भी जड़ से खत्म हो जाएगी। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया की कूकाबूरा कंपनी ने कहा था कि वह गेंद को चमकाने के लिए जल्द ही वैक्स एप्लीकेटर (मोम से बना कैमिकल) लेकर आ रही है।
शेन वार्न ने स्काय स्पोर्ट्स क्रिकेट पोटकास्ट पर कहा, ‘‘क्यों हम गेंद को एक तरफ से भारी नहीं बना सकते, जिससे की वह हमेशा स्विंग होती रहे? यह टेप लगी हुई टेनिस या लॉन बॉल की तरह हो सकती है। मुझे नहीं लगता कि आप वसीम अकरम और वकार यूनुस की तरह गेंद को स्विंग कराना चाहेंगे, लेकिन इससे तेज गेंदबाजों को टेस्ट के दूसरे और तीसरे दिन भी फ्लैट विकेट पर स्विंग मिलेगी।’’
‘अब तक बल्ले में काफी बदलाव हुए, अब बॉल में बदलाव हो’
पूर्व स्पिनर ने कहा, ‘‘क्रिकेट में आगे बढ़ने का यह सही तरीका रहेगा। इससे गेंद के साथ छेड़छाड़ भी नहीं करनी पड़ेगी। इतने सालों में बल्ले को लेकर कितने सारे बदलाव किए गए हैं। 80 के दशक में खिलाड़ियों ने अपना करियर जिस बल्ले के साथ शुरु और फिर बाद में अंत किया। उन दोनों बल्लों में काफी अंतर रहा है। तब से अब तक बल्ले का आकार घटता-बढ़ता रहा है, लेकिन गेंद में कोई बदलाव नहीं हुआ है। बॉल का वजन बढ़ाने से बल्ले के साथ इसका संतुलन स्थापित हो सकता है।’’
पूर्व स्पिनर ने कहा, ‘‘क्रिकेट में आगे बढ़ने का यह सही तरीका रहेगा। इससे गेंद के साथ छेड़छाड़ भी नहीं करनी पड़ेगी। इतने सालों में बल्ले को लेकर कितने सारे बदलाव किए गए हैं। 80 के दशक में खिलाड़ियों ने अपना करियर जिस बल्ले के साथ शुरु और फिर बाद में अंत किया। उन दोनों बल्लों में काफी अंतर रहा है। तब से अब तक बल्ले का आकार घटता-बढ़ता रहा है, लेकिन गेंद में कोई बदलाव नहीं हुआ है। बॉल का वजन बढ़ाने से बल्ले के साथ इसका संतुलन स्थापित हो सकता है।’’
नए बदलावों के लिए युवा खिलाड़ी सक्षम हों: लबुशाने
ऑस्ट्रेलिया के ऑलराउंडर मार्नस लबुशाने भी महामारी के बाद गेंद को लार से चमकाने की आदत को छोड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सभी का उद्देश्य जल्द मैदान पर लौटना है, इसके लिए जो भी बदलाव करना पड़े, करना चाहिए। युवा खिलाड़ियों को भी इसके लिए सक्षम होना चाहिए। लबुशाने ने कहा कि खिलाड़ी मैदान पर होते हैं, तो गेंद पर लार लगाना उनकी आदत रहती है। ऐसे में नए बदलाव काफी अटपटे रहेंगे।
ऑस्ट्रेलिया के ऑलराउंडर मार्नस लबुशाने भी महामारी के बाद गेंद को लार से चमकाने की आदत को छोड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सभी का उद्देश्य जल्द मैदान पर लौटना है, इसके लिए जो भी बदलाव करना पड़े, करना चाहिए। युवा खिलाड़ियों को भी इसके लिए सक्षम होना चाहिए। लबुशाने ने कहा कि खिलाड़ी मैदान पर होते हैं, तो गेंद पर लार लगाना उनकी आदत रहती है। ऐसे में नए बदलाव काफी अटपटे रहेंगे।
एक महीने में तैयार होगा वैक्स एप्लीकेटर
हालात को देखते हुए कूकाबूरा वैक्स एप्लीकेटर तैयार कर रही है। ये एक महीने में बाजार में आ सकता है। कंपनी के एमडी ब्रेट इलियट ने कहा, “हम गेंद चमकाने के पारंपरिक तरीकों को बदलने के लिए एक वैक्स एप्लीकेटर पर काम कर रहे हैं। अंपायरों की निगरानी में इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।”
हालात को देखते हुए कूकाबूरा वैक्स एप्लीकेटर तैयार कर रही है। ये एक महीने में बाजार में आ सकता है। कंपनी के एमडी ब्रेट इलियट ने कहा, “हम गेंद चमकाने के पारंपरिक तरीकों को बदलने के लिए एक वैक्स एप्लीकेटर पर काम कर रहे हैं। अंपायरों की निगरानी में इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।”
कैसा होगा एप्लीकेटर?
ब्रेट के मुताबिक, “स्पंज के ऊपरी हिस्से पर खास तरह के मोम की परत होगी। इसे प्लेयर्स या अंपायर्स आसानी से जेब में रख सकेंगे।” बता दें कि ऑस्ट्रेलियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट ने साफ कर दिया है कि भविष्य में गेंद चमकाने के लिए थूक, पसीने या लार का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।
ब्रेट के मुताबिक, “स्पंज के ऊपरी हिस्से पर खास तरह के मोम की परत होगी। इसे प्लेयर्स या अंपायर्स आसानी से जेब में रख सकेंगे।” बता दें कि ऑस्ट्रेलियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट ने साफ कर दिया है कि भविष्य में गेंद चमकाने के लिए थूक, पसीने या लार का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।
आईसीसी भी कर रही है विचार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईसीसी इस बात पर विचार कर रही है कि क्रिकेट दोबारा शुरू होने पर बॉल शाइनिंग के पारंपरिक तरीके पर रोक लगा दी जाए। इससे संक्रमण का बेहद खतरा है। विकल्प की तलाश जारी है। माना जा रहा है कि कृत्रिम पदार्थ (artificial substance) को मंजूरी दी जा सकती है। इसके इस्तेमाल पर अंपायर नजर रखेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईसीसी इस बात पर विचार कर रही है कि क्रिकेट दोबारा शुरू होने पर बॉल शाइनिंग के पारंपरिक तरीके पर रोक लगा दी जाए। इससे संक्रमण का बेहद खतरा है। विकल्प की तलाश जारी है। माना जा रहा है कि कृत्रिम पदार्थ (artificial substance) को मंजूरी दी जा सकती है। इसके इस्तेमाल पर अंपायर नजर रखेंगे।
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