मौजूदा भारतीय टीम की तुलना ऑस्ट्रेलिया की 90 के दशक की टीम से नहीं की जा सकती: आशीष नेहरा
पूर्व भारतीय पेसर आशीष नेहरा (Ashish Nehra) ने कहा कि उस ऑस्ट्रेलियाई टीम ने लगातार तीन वर्ल्ड कप जीते थे और टेस्ट में भी कमाल का प्रदर्शन किया था।
- भारत ने 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया में अपनी पहली सीरीज जीती जिसके लिए टीम ने 7 दशक इंतजार किया
- विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट सीरीज में उसी के घर में दी मात
- आशीष नेहरा बोले, उस ऑस्ट्रेलियाई टीम की बराबरी करने के लिए काफी दूरी तय करनी होगी
- टीम संयोजन से बार-बार छेड़छाड़ किए जाने से भी
- खुश नहीं हैं पूर्व पेसर आशीष नेहरा
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा को लगता है कि विराट कोहली की अगुआई वाली भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया की 2000 दशक की टीम के बराबर नहीं कहा जा सकता है। नेहरा ने कहा कि इसके लिए उसे अब भी लंबा रास्ता तय करना होगा। कोहली के नेतृत्व में भारत ने 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया में अपनी पहली सीरीज जीती थी जिसके लिए टीम को सात दशक का इंतजार करना पड़ा।
इसके लिए हालांकि स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर की अनुपस्थिति को अहम नहीं माना जा सकता है जो उस समय गेंद से छेड़छाड़ के कारण प्रतिबंधित थे। नेहरा ने पूर्व खिलाड़ी आकाश चोपड़ा के शो ‘आकाशवाणी’ पर कहा, ‘इस भारतीय टीम को उस ऑस्ट्रेलियाई टीम (स्टीव वॉ और फिर रिकी पॉन्टिंग की कप्तानी वाली) की बराबरी करने के लिए काफी दूरी तय करनी होगी।’
इसके लिए हालांकि स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर की अनुपस्थिति को अहम नहीं माना जा सकता है जो उस समय गेंद से छेड़छाड़ के कारण प्रतिबंधित थे। नेहरा ने पूर्व खिलाड़ी आकाश चोपड़ा के शो ‘आकाशवाणी’ पर कहा, ‘इस भारतीय टीम को उस ऑस्ट्रेलियाई टीम (स्टीव वॉ और फिर रिकी पॉन्टिंग की कप्तानी वाली) की बराबरी करने के लिए काफी दूरी तय करनी होगी।’
उन्होंने कहा, ‘आप ऑस्ट्रेलियाई टीम के बारे में बात कर रहे हो जिसने लगातार तीन विश्व कप जीते थे और फिर 1996 के फाइनल में पहुंची थी, उसने घरेलू और विदेशी सरजमीं पर 18-19 टेस्ट मैच जीते थे।’ वह हालांकि टीम संयोजन से बार बार छेड़छाड़ किए जाने से भी खुश नहीं थे।
दिल्ली के 41 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि यह भारतीय टीम वहां तक नहीं पहुंच सकती लेकिन मेरा मानना है कि कोर ग्रुप बहुत अहम है। कोई भी आदमी अगर टेबल पर बहुत सारे पकवान देखेगा तो वह असमंजस में पड़ जाएगा इसलिये सबसे महत्वपूर्ण चीज है कम लेकिन बेहतर पकवान होना।’
दिल्ली के 41 वर्षीय पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि यह भारतीय टीम वहां तक नहीं पहुंच सकती लेकिन मेरा मानना है कि कोर ग्रुप बहुत अहम है। कोई भी आदमी अगर टेबल पर बहुत सारे पकवान देखेगा तो वह असमंजस में पड़ जाएगा इसलिये सबसे महत्वपूर्ण चीज है कम लेकिन बेहतर पकवान होना।’
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