राहुल चाहर |
कई बार जब हम कोई बलेबाज अपना ट्रेडमार्क शार्ट खेलता है या फिर कोई गेंदबाज अपने अलग तरह के एक्शन से गेंदबाजी कर विकेट चटकता है तो लोग इस टेलेंट को गॉड गिफ्टेड की संज्ञा देते हैं लेकिन यह सच नहीं है इसके पीछे काफी मेहनत होती हैं यही कहना है भारतीय टीम के तेज गेंदबाज दीपक के पिता का दीपक चाहर के पिता ने कहा है कि दीपक में तेज गति से गेंद को स्विंग कराने में क्षमता नेचुरल नहीं है सीनियर चाहर यानी दीपक चाहर के पिता ने क्रिकबाज के एक खास शो में कहां हर कोई दीपक को देखता है और सोचता है कि 140 किलोमीटर प्रति घण्टे से भी अधिक की रफ्तार पर गेंद को स्विंग कराने की उसकी क्षमता नेचुरल है लेकिन वास्तव में ऐसा कुछ नहीं है मैंने डेल स्टेन और मैंलक्म मार्शल जैसे गेंदबाज देखे है जो बहुत तेज गति पर भी गेंद को स्विंग कराते है । में जानता था कि भारतीय टीम भी ऐसे गेंदबाजो को अपने साथ जोड़ सकती हैं और इसलिए दीपक और मैने इस तकनीक पर काम किया वही दीपक चाहर कहते है मैं हर दिन अपने पिता चोटे चाहर यानी राहुल चाहर को लेकर उसके चाचा यानी कोच चाहर ने बताया जब यह बहुत छोटा था तब बिलकुल दिपक के जैसे ही गेंदबाजी करता था लेकिन मुझे एहसास हो गया की यह उसकी विशेषता नहीं है और मैने उसे leng स्पिन करने को प्रोत्साहित किया । फिर बहुत समय तक उसकी गेंदबाजी धीमी रही ओर में जानता था की धीमी leng स्पिन अब नहीं चलेगी इसलिए में उसे लगातार अपनी फिटनेस ओर गति में सुधार करने के लिए प्रेरित करता रहा।आज एक रेगुलर leng स्पिन के मुकाबले उसके गेंद की गति कम से कम 5 किलोमीटर प्रति घण्टा अधिक है और यहीं है जो गेंदबाजी करने के दौरान उसे बड़ा एज देता है। के लिए 500 गेंद करता था ढाई सौ इन स्विंगर्स और ढाई सौ आउट स्विंगर्स फेकाता था ।ऐसे में मेरे लिए , यह नेचुरल टेलेंट जैसा कुछ भी नहीं है । यह सिर्फ समझने जैसा है की आखिर आप क्या बनना चाहते है और वह बनने के लिए आपको हर एक दिन कड़ी मेहनत करनी होगी । जब में अपने करियर में पीछे मुड़कर देखू तो नहीं चाहुगा की मेरे मन मे किसी तरह का कोई पछतावा हो ।
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